भाई एक लहर बन आया बहन नदी की धारा है संगम है गंगा उमड़ी है डूबा कूल किनारा है यह उन्माद बहन को अपना भाई एक सहारा है यह अलमस्ती एक बहन ही भाई का ध्रुवतारा है... ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख