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जिंदगी जीना सीखा रही है............ कल एक झलक जिंद

जिंदगी जीना सीखा रही है............
कल एक झलक जिंदगी को देखा.....!
बो राहो में मेरी,गुनगुना रही थी....!!
फिर ढूंढा उसे इधर-उधर.........
बो आंखे मिचौली कर मुस्कुरा रही थी..!!!
एक अरसे के बाद आया मुझे करार...!!!!
बो सहला के मुझे सुला रही थी....!!!!!
हम दोनो क्यूँ खफ़ा है,एक दूसरे से..!!!!!!
मै उसे और बो मुझे,समझा रही थी..!!!!!!!
मैने पूछ लिया,क्यों इतना दर्द दिया..!!!!!!!!
कमबख्त तूने.. 
बो हँसी और बोली,मै जिंदगी हूँ,पगले....
तुझे जीना सिखा रही थी......
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©Rameshkumar Mehra Mehra
  # जिंदगी जीना सीखा रही है....
कल एक झलक जिंदगी को देखा, बो राहो में मेरी गुनगुना रही थी, फिर ढूंढा उसे इधर-उधर बो आँखे मिचौली कर मुस्करा रही थी.....

# जिंदगी जीना सीखा रही है.... कल एक झलक जिंदगी को देखा, बो राहो में मेरी गुनगुना रही थी, फिर ढूंढा उसे इधर-उधर बो आँखे मिचौली कर मुस्करा रही थी..... #Shayari

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