तारीफ़ तेरी क्या करू मिलते नहीं अल्फाज़ हैबत है तेरे हुस्न की और खूब है अंदाज़ एक शेर तेरी शान मे कैसे करू बया लिखना अब एक कसीदा है जिसपर मुझे हो नाज़ आज #dnd_शामएनज़्म में आपको उपर्युक्त शब्द "अल्फ़ाज़" का प्रयोग करते हुए शायरी/गज़ल/नज़्म/शेर या आपकी पसंद की किसी भी विधा पर रचना पूरी करनी है। Krati Agrawal 🤓 Syed Aabidhussain Amit Chandak इन लेखकों की रचनाएं #dndइबादत पर सबसे बेहतरीन रहीं। हार्दिक बधाई 😊❤ • शब्द सीमा की कोई पाबंदी नहीं है।