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चारागर! ऐ दिल-ए-बेताब__ कहाँ आते हैं। मुझको ख़ूश रह

चारागर! ऐ दिल-ए-बेताब__ कहाँ आते हैं।
मुझको ख़ूश रहने के आदाब कहाँ आते हैं।

मैं तो यकमुश्त उसे सौंप दूँ सब कुछ लेकिन,
एक मुट्ठी में मेरे ख़्वाब_____कहाँ आते हैं।

©@Abdul Hakim #onlyforyou__S_
चारागर! ऐ दिल-ए-बेताब__ कहाँ आते हैं।
मुझको ख़ूश रहने के आदाब कहाँ आते हैं।

मैं तो यकमुश्त उसे सौंप दूँ सब कुछ लेकिन,
एक मुट्ठी में मेरे ख़्वाब_____कहाँ आते हैं।

©@Abdul Hakim #onlyforyou__S_
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@Md.Aman

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