अक्सर सोचता रहता था तुम्हारे बारे में मैं,, कि तुम खुश तो बड़ी होगी दुख की चादर इधर छोड़ कर,, पर पता चला जिसमें तुमने सुख ढूंढा था,, वहां तो तुम्हें दुख का बिस्तर बिछा मिला।। #बिस्तर#