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आलम -ए-वजूद औरत का खुदा तराशेगा क्या?? वाे ताे खुद

आलम -ए-वजूद औरत का खुदा तराशेगा क्या??
वाे ताे खुद हीं माेहताज है ,खुदा हाेने के लिये-
औरत के काेख का..... औरत तभी तक कमजाेर समझी जाती है जब तक वह पिता के सम्मान आैर पति के प्रेम का मान रखती है ।फिर चाहे वह सीता हाे या सती।
दुर्गा और काली काे कभी किसी ने कमजाेर कहा !! 
क्या उन्हें काेई अग्नि परीक्षा देनी पड़ी!!
या फिर हवन कुंड मे समाहित हाेना पड़ा!!
नहीं क्याेकिं वह स्वयसिंद्दा थी ।उन्हें किसी सहारे कि जरूरत नहीं थी।
 #ज़िन्दगानी_मे_कुछ_यूँ_भी ..कभी कभी ..औरत अब भी बस सजावट की वस्तु समझी जाती है..
**आलम-ए-वजूद--world of existence
आलम -ए-वजूद औरत का खुदा तराशेगा क्या??
वाे ताे खुद हीं माेहताज है ,खुदा हाेने के लिये-
औरत के काेख का..... औरत तभी तक कमजाेर समझी जाती है जब तक वह पिता के सम्मान आैर पति के प्रेम का मान रखती है ।फिर चाहे वह सीता हाे या सती।
दुर्गा और काली काे कभी किसी ने कमजाेर कहा !! 
क्या उन्हें काेई अग्नि परीक्षा देनी पड़ी!!
या फिर हवन कुंड मे समाहित हाेना पड़ा!!
नहीं क्याेकिं वह स्वयसिंद्दा थी ।उन्हें किसी सहारे कि जरूरत नहीं थी।
 #ज़िन्दगानी_मे_कुछ_यूँ_भी ..कभी कभी ..औरत अब भी बस सजावट की वस्तु समझी जाती है..
**आलम-ए-वजूद--world of existence
mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
New Creator
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