जैसे हो मेरा उपवास बने हो घर मे छप्पन भोग भला मेरा दोनों में ही मैं किसका लागाऊ भोग घर मे दिए जले बिन न रह जाए मेरे बिन हार शूल का परदेशी त्योहार से आये घिन मानो बेटा व्याह लिया वधु घर लाया मेरे बिन ऐसे उजड़े त्योहार लगे मोही घर जाए बिन त्योहार