।। महारों श्रीकृष्ण ।। नज़र बदला नज़रिया बदला औऱ सोच बदल गया ! तुझसें प्रीत क्या किया कान्हा सब दोष बदल गया ! धवल हृदय अंतःकरण मानस स्वच्छ आनन्दघन ! हुआ प्रेम सुधारस आंनद जीवन रोम रोम खिल गया !! ©बिमल तिवारी "आत्मबोध" देवरिया उत्तर प्रदेश यायावर लेखक अल्हड़ कवि श्रीकृष्ण की दीवानी