Unsplash कब का गया ठुकरा कर मोहब्बत वो मेरी दिल की गलियां वीरान हैं इसमें फिर आया न कोई। इक शख्स वादा करके गया मिलने का मसरूफ हुआ रकीब ए मोहब्बत में फिर मिलने आया न कोई। इस जमाने में मैं किसी एक हंसी का होके न रह सका किस्तों में बंट गया हूं हसीनों के मेरे हिस्से में एक हंसी आया न कोई।। ©unkahe_lyrics #lovelife खूबसूरत दो लाइन शायरी शायरी दर्द हिंदी शायरी 'दर्द भरी शायरी'