Nojoto: Largest Storytelling Platform

इस नदी की धार में ठण्डी हवा आती तो है नाव जर्जर ह

इस नदी की धार में ठण्डी हवा आती तो है 
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है

एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ दोस्तो 
इस दिये में तेल से भीगी हुई बाती तो है

एक खण्डहर के दिल सी एक जंगली फूल सी 
आदमी की पीर गूंगी ही सही गाती तो है

एक चादर सांझ ने सारे नगर पर डाल दी 
यह अन्धेरे की सडक उस ओर जाती तो है

ताबीर के मैदान में लेटी हुई है जो नदी 
पत्थरो से ओट में जा जा के बतियाती तो है

देख नहीं कोई कि काममाबियों के नाम पर 
और कुछ हो न हो रमजानी आसमां सी छाती तो है
25/9/15

©MSA RAMZANI गजल
#गजल 
#gazal  Deepika, Pandey  Tushar Yadav  Raj hasan  Deepika, Pandey  Anupriya  Tushar Yadav
इस नदी की धार में ठण्डी हवा आती तो है 
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है

एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ दोस्तो 
इस दिये में तेल से भीगी हुई बाती तो है

एक खण्डहर के दिल सी एक जंगली फूल सी 
आदमी की पीर गूंगी ही सही गाती तो है

एक चादर सांझ ने सारे नगर पर डाल दी 
यह अन्धेरे की सडक उस ओर जाती तो है

ताबीर के मैदान में लेटी हुई है जो नदी 
पत्थरो से ओट में जा जा के बतियाती तो है

देख नहीं कोई कि काममाबियों के नाम पर 
और कुछ हो न हो रमजानी आसमां सी छाती तो है
25/9/15

©MSA RAMZANI गजल
#गजल 
#gazal  Deepika, Pandey  Tushar Yadav  Raj hasan  Deepika, Pandey  Anupriya  Tushar Yadav
mohdsamshadali7461

MSA RAMZANI

Gold Subscribed
New Creator