इश्क़ का अंजाम कुछ दास्ताँ अधूरी रह गईं कुछ ख़्वाब हुए मिट्टी मेरे" कुछ हसरत दिल ने पाले थे कुछ ख्वाहिशें पंख पसारे थे" जाने कैसे बिखरे टूटे हो चूर चूर सपने मेरे" मुझको ही ताने देते हैं....!! अब हाय कहूँ !और किससे कहूँ...? छुप छुप के बस हम रोते हैं न जीते हैं न मरते हैं....!!! #ख़्वाब#इश्क़#अंज़ाम #नोजोटोहिंदी#