दौड़ती ज़िंदगी ---------------- ऐ ज़िन्दगी रूक जरा आराम कर ले । अपनी दौड़ का थोड़ा हिस्सा मेरे नाम कर दे । शायद तेरे कदमों का साथ दे सकूं । लम्हों की वसीयत तेरे नाम कर सकूं । हर सुबह तेरी शाम से शिकायत करता है । फिर भी मेरा लम्हा तेरे वक्त की इनायत करता है ।। #life #moments #passing