मैं शैतान हूँ, मुझे तुम शैतान ही रहने दो,
इंसानों की बस्ती में बदनाम ही रहने दो.
माँ बाप की बेकद्री इंसानों की फितरत है,
फिर होना शैतान मेरा क्यूँ ज़िल्लत है.
इंसानों की बस्ती में बदनाम ही रहने दो,
मैं शैतान हूँ, मुझे तुम शैतान ही रहने दो.
#Poetry#Dimri#shaitan