न पानी पत्थर को गला पाया न पत्थर पानी को बहने से रोक पाया। अब दोनों पछताते है। न बादल सूरज को ढँक पाए न सूरज बादल को जला पाया अब दोनों पछताते हैं। - अदिती कपीश अग्रवाल अब दोनों पछताते हैं... #दोनोंपछतातेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqbaba #yqaestheticthoughts #yqhindi Collaborating with YourQuote Didi