तुम रात भर बात करती थी मुझसे। दुख दर्द बाँटती थी मुझसे। प्यार से बात करती थी मुझसे। इज़हार करती थी मुझसे। वक्त निकाल कर मिलती थी मुझसे। नाराज़ होती थी मुझसे। ये वक्त बिताने वाली बात नहीं है। ये हँसी की बात नहीं है। बहुत सी बातें जो ज़ाहिर में हँसने की लगती हैं, सत्यता में हँसने की नहीं होतीं। #हँसनेकीबातनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi