"सीख जाते हैं...." कसक नज़रें छुपा कर, मुस्कराना सीख जाते हैं! हम अपने ज़ख्मों पर, मरहम लगाना सीख जाते हैं!! हमें मिलती रही बस ठोकरें ही, राह-ए-उल्फ़त में! सिकायत छोड़ कर हम, काफ़िराना सीख जाते हैं!! नज़ारे मिलते ही उम्मीदों के गुलशन बिखेरते थे! मग़र कुछ ख़्वाहिशों को भी, दबाना सीख जाते हैं!! बहुत गुस्ताख दिल है, ऐ खुदा! रहमत नज़र कर दे! जमे थे बर्फ शबनम से, पिघलना सीख जाते हैं!! #संवेदिता ©Rupam Samvedita #samvedita #MyThoughts #truefeelings #nofilters #freebird