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छुपते फिरते रहे तुम्हारे प्रकृति से सिमित रहे भय म

छुपते फिरते रहे
तुम्हारे प्रकृति से
सिमित रहे भय में
असन्तुलन का भय
खीझ में छुपते फिरते
तह तक छूने की चाह
स्थिर रही आभाष सा
समाचार,दर आमद का शोध
व्यतिगत चुनौती मानकर
छुपते फिरते त्तपरता गत
व्याकुलता अंत कर
एक दिवस आऊंगा
राजनीति
संस्थागत व्यवहार में संलग्न हूँ !
 राजनीति का सबसे छोटा सिपाही,'चौकीदार'!

छुपते फिरते रहे 
आख़िर किस से...
#छुपतेरहे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #life #poetry #yqdidi
छुपते फिरते रहे
तुम्हारे प्रकृति से
सिमित रहे भय में
असन्तुलन का भय
खीझ में छुपते फिरते
तह तक छूने की चाह
स्थिर रही आभाष सा
समाचार,दर आमद का शोध
व्यतिगत चुनौती मानकर
छुपते फिरते त्तपरता गत
व्याकुलता अंत कर
एक दिवस आऊंगा
राजनीति
संस्थागत व्यवहार में संलग्न हूँ !
 राजनीति का सबसे छोटा सिपाही,'चौकीदार'!

छुपते फिरते रहे 
आख़िर किस से...
#छुपतेरहे #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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