Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं उस माटी का वृक्ष नहीं ,जिसको नदियों ने सींचा ह

मैं उस माटी का वृक्ष नहीं ,जिसको नदियों ने सींचा है....
 बंजर माटी में पलकर मैंने ,मृत्यु से जीवन खींचा हैं......
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं ,शीशे से कब तक तोड़ोगे
 मिटने वाला मैं नाम नहीं...     

 तुम मुझको कब तक रोकोगे......
तुम मुझको कब तक रोकोगे........ तुम मुझको कब तक रोकोगे......
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं ,जिसको नदियों ने सींचा है....
 बंजर माटी में पलकर मैंने ,मृत्यु से जीवन खींचा हैं......
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं ,शीशे से कब तक तोड़ोगे
 मिटने वाला मैं नाम नहीं...     

 तुम मुझको कब तक रोकोगे......
तुम मुझको कब तक रोकोगे........ तुम मुझको कब तक रोकोगे......

तुम मुझको कब तक रोकोगे...... #Shayari