धूम्रपान कुछ लोग इस कदर इश्क का इजहार करते हैं | पहले सुलगाते है, फिर होठों से दीदार करते हैं | बचे हुए टुकड़े को चुटकियों से मसलते हैं, फेंकते है जमीन पर फिर पैरों से कुचलते हैं | एक से जी नहीं भरता काम यही बार बार करते हैं | कुछ लोग इस कदर इश्क का इजहार करते हैं | कोई कहता यह तो मेरे गम का साथी है, मेरे बुझते दिया का यही तो एक बाती है | किसी के दिल मे दबी बात यह सब करवाती है | कोई कहता छोड़ दूँ तो उसका क्या होगा, जो इसका व्यापार करते हैं | कुछ लोग इस कदर इश्क का इजहार करते हैं | इश्क इसे है तो उसे भी इश्क है| तभी तो जेब मे न जाने कहाँ-कहाँ घूमता है | पहले जलता है फिर होठों को चूमता है | मिटाया खुदको तो तुम्हे भी मिटाएगा, इश्क उसे भी है तुमसे, वो अपने साथ ले जायेगा | ✍️आशीष कुमार (सत्यार्थी ) #धूम्रपान #No_Smoking #smoking kills #Hindi_poem