दोस्ती इक तुझसे ही मै प्यार करूं । तुझपे ही जियुं और मरुं ।। तेरे सिवा है ना कोई मेरा, तुझसे ही जीतूं या हारू ।। तू कहे तो ज़माने से नाता मैं तोड़ दूं । हर रिश्ते का गला मै मरोड़ दूं ।। तेरे लिए मै जां भी निसार दूं । जमीं में पलके भी अपनी उतार दूं ।। तेरा ही ख्याल रखूं सदा मै, अपनी भी जिंदगी तुझपे ही वार दूं ।। अब मान भी जा पगले , कितना और इंतजार करूं । जीने भी देगा या खुद में ही डूब मरूं ।। {मै और मेरी तन्हाई )- शिवम् } दोस्ती मेरी जान है।। #dosti