Nojoto: Largest Storytelling Platform

उस पर मेरी कोई ज़बरदस्ती तो नहीं है, लगूं मैं किसी

उस पर मेरी कोई ज़बरदस्ती तो नहीं है,
लगूं मैं किसी को अपना,
ऐसी मेरी हस्ती तो नहीं है।

माना के नहीं बख्शा है ख़ुदा ने
मुझे दुनिया की दौलत से,
दो लफ्ज़ मोहब्बत के न बोल सकूं,
मेरे दामन में इतनी तंगदस्ती तो नहीं है।

~Hilal #Zabardasti #Tangdasti
उस पर मेरी कोई ज़बरदस्ती तो नहीं है,
लगूं मैं किसी को अपना,
ऐसी मेरी हस्ती तो नहीं है।

माना के नहीं बख्शा है ख़ुदा ने
मुझे दुनिया की दौलत से,
दो लफ्ज़ मोहब्बत के न बोल सकूं,
मेरे दामन में इतनी तंगदस्ती तो नहीं है।

~Hilal #Zabardasti #Tangdasti