सफ़ेदपोश लूटेरे देखे दिल काले उजले चेहरे देखे। अच्छे दिन की बीन बजाते सांप के रूप में सपेरे देखे। धृतराष्ट्र सी अन्धी जनता ने अर्जुन पर लगते पहरे देखे। शकुनी से सियासतदानों ने देश के होते टुकड़े देखे। सरकारी दफ़्तर की गलियों में बूढ़े बाप के लगते फेरे देखे। बनके मसीहा जो लूटने आया जा ... ऐसे शहंशाह बतेरे देखे। ©Roohi Quadri #Corruption #Dirtypolitics #Politics #Blackmoney