बहुत दूर है तुमें पाने की मंजिल बिल्कुल इन रेल पटरियों की तरह जिनके अंत तक पहुचं तो सकते हैं पर अपना अस्तित्व,घर-ठिकाना त्यागकर ,क्योंकि जिदंगी नामक ट्रेन की इतना बडा इंंजन कहां कि वह अपने आरंभिक शहर से तुम्हारे शहर तक इच्छा से जांक सके।। ©Miss poojanshi #Love #judai#duuri