आमने-सामने आज सामने हो तुम बर्सो बाद फिर वही शाम है. बस फ़र्क इतना सा है कि मैं तो वही हु जो पहले था.. वक़त भी पहले जेसा है.. फ़र्क इतना सा है कि तुम मेरे लिए अन्जान हो..