सवे़रे सवे़रे आज फिर मुस्कुराया था बीती शाम का वो पल याद आया था कल गज़ल बुनावट करती दिख रही तुम्हारी, ख़्वाहिशें मुस्कुराने को कह रही थीं हमारी।। #मानस ।। ©Manas Krishna #JodhaAkbar