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“धीरे-धीरे रिश्ते बिखरने लगते हैं, जब होती नहीं बा

“धीरे-धीरे रिश्ते बिखरने लगते हैं,
जब होती नहीं बात,
या कोई मुलाकात।

धीरे-धीरे दूरी बढ़ने लगती है,
जब आता नहीं कोई पास,
होता नहीं कोई साथ।

धीरे-धीरे ऊब बढ़ने लगती है, 
जब होता नहीं हँसी-मजाक,
या कोई नई बात।”
- प्रेम
(पाब्लो नेरुदा की कविता से प्रेरित)

©Surendra Sharma #Love #Life #Relationship  #Connection #true #FeelingsHindi
“धीरे-धीरे रिश्ते बिखरने लगते हैं,
जब होती नहीं बात,
या कोई मुलाकात।

धीरे-धीरे दूरी बढ़ने लगती है,
जब आता नहीं कोई पास,
होता नहीं कोई साथ।

धीरे-धीरे ऊब बढ़ने लगती है, 
जब होता नहीं हँसी-मजाक,
या कोई नई बात।”
- प्रेम
(पाब्लो नेरुदा की कविता से प्रेरित)

©Surendra Sharma #Love #Life #Relationship  #Connection #true #FeelingsHindi