कुछ बातें, वो अधूरी मुलाकाते ( जाने से पहले आँखो को पढ़ जाते ) अनुशीर्षक् पढ़े... सुनो, शहर मे भीड़ बढ़ गयी मैं तेरे गाँव आया हँ! बहुत हो गयी बरिशे मैं थोड़ी छाँव लाया हूँ!! 😉