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गूंगी शामें हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें हर

गूंगी शामें

हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें
 हर किसी को नहीं मिलता यादों के दरखत की परछाइयां थामें....
 हर किसी को नहीं मिलता महंकते गुलाब 
 हर किसी को नहीं मिलता भटकती जिंदगी  जनाब....

 हर किसी को नहीं मिलता गुमशुदा लम्हें
हर किसी को नहीं मिलता भीगी रातों का सफर ....
  हर किसी को नहीं मिलता दिन सोया राते जागी 
हर किसी को नहीं मिलता हर लम्हा भागा भागा सा....

कोई बेकरारी चलती है सिलिंग में टंगे पंखे के साथ
कोई मिलता है जैसे अदृश्य हवाँ के साथ .....
 हर किसी को नहीं मिलता जिंदगी की रंगीनियां 
हर किसी को नहीं मिलता उगता सुरज की लालिमां .....

 हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें 
हर किसी को नहीं मिलता यादो के दरखत की परछाइयां थामें.....

 हर किसी को नहीं मिलता तुम्हारा प्यार  
 हर किसी को नहीं मिलता बस खुमार....
 हर किसी को नहीं मिलता बस इंतजार 
हर किसी को नहीं मिलता
हाथो में हाथ....

हर किसी को नहीं मिलता यादों के दरखत की परछाइयां थामें 
 हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें ......
#निशीथ

©Nisheeth pandey #गूंगी_शामें

हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें
 हर किसी को नहीं मिलता यादों के दरखत की परछाइयां थामें....
 हर किसी को नहीं मिलता महंकते गुलाब 
 हर किसी को नहीं मिलता भटकती जिंदगी  जनाब....

 हर किसी को नहीं मिलता गुमशुदा लम्हें
गूंगी शामें

हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें
 हर किसी को नहीं मिलता यादों के दरखत की परछाइयां थामें....
 हर किसी को नहीं मिलता महंकते गुलाब 
 हर किसी को नहीं मिलता भटकती जिंदगी  जनाब....

 हर किसी को नहीं मिलता गुमशुदा लम्हें
हर किसी को नहीं मिलता भीगी रातों का सफर ....
  हर किसी को नहीं मिलता दिन सोया राते जागी 
हर किसी को नहीं मिलता हर लम्हा भागा भागा सा....

कोई बेकरारी चलती है सिलिंग में टंगे पंखे के साथ
कोई मिलता है जैसे अदृश्य हवाँ के साथ .....
 हर किसी को नहीं मिलता जिंदगी की रंगीनियां 
हर किसी को नहीं मिलता उगता सुरज की लालिमां .....

 हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें 
हर किसी को नहीं मिलता यादो के दरखत की परछाइयां थामें.....

 हर किसी को नहीं मिलता तुम्हारा प्यार  
 हर किसी को नहीं मिलता बस खुमार....
 हर किसी को नहीं मिलता बस इंतजार 
हर किसी को नहीं मिलता
हाथो में हाथ....

हर किसी को नहीं मिलता यादों के दरखत की परछाइयां थामें 
 हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें ......
#निशीथ

©Nisheeth pandey #गूंगी_शामें

हर किसी को नहीं मिलता गूंगी शामें
 हर किसी को नहीं मिलता यादों के दरखत की परछाइयां थामें....
 हर किसी को नहीं मिलता महंकते गुलाब 
 हर किसी को नहीं मिलता भटकती जिंदगी  जनाब....

 हर किसी को नहीं मिलता गुमशुदा लम्हें