शिकायत खुदा से (covid-19 special) ऎ खुदा ये तुम अब किए हो क्या?? कभी डर-डर ऐसे जिए हो क्या? तरस गए सब अन्न को देखो, यूं घुट-घुट आंसू पीये हो क्या? आसमान के पंछी थे या जल के ही कोई जलचर थे, कल फिरते थे बन मोगेम्बो या भले ही कोई गुर्ज्जर थे, सब हो गये हैं कैद सदन में, मन ही मन है घबराये, काम धाम सब छोड़के बैठे, सब के सब हैं बौराये,, बस हुआ मजाक बहुत ये तेरा, भांग धतूरा पीये हो क्या? तरस गए सब अन्न को देखो यूं डर डर तुम कभी जिए हो क्या?? माना कि भूल हुई है हमसे, बस पत्थर में तुम्हें हैं भूल आए,, दुनिया के इस चकाचौंध में, लंदन का झूला झूल आए। तुम कहलाते पालनकर्ता, फिर नरसंहारी बने हो क्यूँ, दुनिया अब मझधार फंसी, फिर दुष्टविचारी बने हो क्यूँ,, अब चीन बन रहा विश्व विजेता,अपनी शक्ति तुम दिए हो क्या?? तरस गए सब अन्न को देखो यूं डर डर तुम कभी जिये हो क्या??? सब नतमस्तक हो गये हैं देखो, अब शरण तुम्हारे आए हैं, अपने किए हुए पे हम अब शर्म से नजर झुकाए हैं, अबकी दफा जो रहे सलामत तुम्हें ही दिल में बसाएंगे, हर रोज तुम्हारे घर में आकर, फल-पुष्प तुमको चढ़ाएंगे, अब दया करो हम इंसानों पर, कसम ही कोई लिए हो क्या,, तरस गए सब अन्न को देखो यूं डर डर तुम कभी जिए हो क्या??? - कुमार ABHI #shikayat khuda se.... Covid19