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यूं ठहरे रहने से केवल मंज़िल वंजिल ना मिलती

यूं ठहरे  रहने  से  केवल मंज़िल  वंजिल ना  मिलती  है
रात अंधेरी सुबह  सुरमई पाकर ही  कलियां खिलती हैं
ख़ाक सार  होने  की फितरत जिनके भीतर चमक उठी
उनकी हिम्मत की बीजों से जीवन की बगिया पनपी है

©Sanjay Tiwari "Shaagil" #ज़िंदगी #मंजिल #बगिया 

#Trees
यूं ठहरे  रहने  से  केवल मंज़िल  वंजिल ना  मिलती  है
रात अंधेरी सुबह  सुरमई पाकर ही  कलियां खिलती हैं
ख़ाक सार  होने  की फितरत जिनके भीतर चमक उठी
उनकी हिम्मत की बीजों से जीवन की बगिया पनपी है

©Sanjay Tiwari "Shaagil" #ज़िंदगी #मंजिल #बगिया 

#Trees