यही रात अन्तिम यही रात भारी, सुबह का सूरज निकलते ही यारो, खुल जाएंगी देशी,विदेशी कलारी, खुश हो गए हैं आका हमारे, हो गया है शासन का फरमान जारी, जैसे गुजारे हैं इतने दिन आपने, वैसे ही करवटें बदलते गुजर जाएगी ये रात सारी, यही रात अन्तिम,