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आज भी दरवाजे से #छुपकर देखती है रोज मुझे! #गाँव क

 आज भी दरवाजे से #छुपकर देखती है रोज मुझे!

#गाँव का इश्क़ है जनाब #शहर की नोटँकीयां नही
भोपाली प्यार
मुहम्मद अकील ख़ान शाने-ऐ-भोपाल एक्सप्रेस
 आज भी दरवाजे से #छुपकर देखती है रोज मुझे!

#गाँव का इश्क़ है जनाब #शहर की नोटँकीयां नही
भोपाली प्यार
मुहम्मद अकील ख़ान शाने-ऐ-भोपाल एक्सप्रेस
akeelkhan2836

Akeel Khan

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