ऐ जिंदगी! मैं मरा नहीं अब भी जिन्दा हूँ ! ठोकर हज़ार दिए तुमने हर कभी, हार सब अपना सीना तान खड़ा हूँ ! जख्म नासुर बहुत है सीने में पर फिर भी चट्टान सा खड़ा हूँ आज मुश्किल में मैं ज़रूर हूँ पर फिर भी एक आज़ाद परिंदा हूँ ऐ जिंदगी, मैं मरा नहीं अब भी जिन्दा हूँ आज ना कल मंजिल पा ही लूंगा माना कि मेरे दुश्मन हज़ार हैं पर एक दोस्त अज़ीज़ बना ही लूंगा अरे तुम क्या डराओगे मुझे अपनी ऊँची नीची लहरों से ? मैं तुफानो के बीच का वासिन्दा हूँ ऐ जिंदगी ! मैं मरा नहीं अब भी जिन्दा हूँ जब तक जान है मुझमें मैं तुम्हारे सामने नही झुकूंगा चाहे तू कशिश कर कितना भी अब मैं फिर भी नहीं रुकूंगा अगर तू दर्द का दरिया है तो मैं पार कर दू सब दरिया ऐसा मैं पुलिंदा हूँ ऐ जिंदगी ! मैं मरा नहीं अब भी जिन्दा हूँ ©Ranjesh Singh #life #Motivation #RanjeshSingh #paper