बेशुमार इश्क है बेपरवाह लोग हैं ज़िदंगी की किताब है बेतरतीब संजोग हैं ये कौन सा मोड़ है किसकी तुम्हें तलाश है क्या जुड़ रहा,क्या बिखर गया सुलगता हुआ एहसास है बुझा-बुझा सा दिल मेरा बोझिल हुई हर सांस है ख़ामोशी ने चुन लिया हमें क्यों उम्मीदें बेहिसाब हैं ख्वाबों के पीछे भागकर ज़िदंगी उलझ गई ना ज़मीं मिली,ना आसमाँ प्यास हवा से बुझ गई बड़े सुकून से बह रही मेरे लिए रुकी नहीं पूछा तो बस ये कह दिया हवा किसी की हुई नहीं... ©abhishek trehan Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 #zindagi #ishq #sanjog #beparwah #shayari #bestyqhindiquotes #manawoawaratha Collaborating with Rest Zone