#OpenPoetry कुछ पल जो मिले सुकून के कर लूँ बंद मुट्ठी में इन्हें संभाल लूँ ख़ुद को थोड़ा सँवार लूँ इन लम्हों को जी लूँ जी भर मैं पी लूँ इत्मीनान से कभी ....... सुबह की पहली गर्म चाय बैठूँ कुछ पल जब कोइ मिलने आए कर लूँ गुफ़्तगू किसी अनजान से कोइ टोकेगा नही ये जान के कभी ...... बंद कर लूँ पलकें खुली हवा में मैं खुल के कभी ख़ुद को निहार लूँ भीग जाऊ बारिश की बूँदों में बेफिक्र ना चिंता हो बीमारी लेगी जकड़ कभी ..... घूम आऊँ अनजान रास्तो में कुछ पल सुबह और रात ना हो ज़माने का डर ना फ़िक्र किसी काम की ना जिम्मेदारी कुछ पल किसी नाम की बस कुछ पल मिल जाये सुकून के अमन चैन और जुनून के सुन लूँ पँछीयों का कलरव देख लूँ फ़िर तितलियों को जी भर बना के ख़ुद को छोटा बच्चा खेल लूँ संग उनके बस कुछ पल कुछ पल बस कोई गम ना हो किसी रिश्ते , किसी के नाम की परछाई संग ना हो #OpenPoetry #nojoto #हिंदी #परछाई #सुकून #collabgirl