भरी महफिल में सरेआम तेरा नाम लिया जा मधुशाला जी भर के मैने जाम पिया बाकी भी दिल टूटे आशिक ही बैठे थे वहाँ मैंने वहाँ जाकर कौनसा नया काम किया नीठ न पी पाया तो अश्क मिला लिए तूने इतना हसीन अश्कों का जो मुझे इनाम दिया मदिरा चकना साथ हो तो दुख़ सारे मिट जाते हैं फिर क्यूँ इस जन्नत-ए-प्याले को तूने यूं बदनाम किया तेरे नशे में धुत होकर तोड़ दूंगा दम अपना जानते हुए क्यूँ तुने मेरे अंतकाल का निज़ाम किया जन्नत-ए-प्याला #KaviBhitar #Nojoto #Kalakaksh #Anthem #Jaam #NizamAntkaal