क्यूँ?न्याय की देवी की आँखों पर पट्टी बांधे हो, उतार फेंको इसे न्याय पाने को आँखे तरस रही हैं, ए! कानून के रखवालों सुरक्षित करो देश को, दरिंदगी का साया देख नैन निर्झर बह रही हैं, छुपा बैठा हैं वो हैवान यहिं प्रशासन की आड़ में, खदेड़ उस दानव को,एक मासूम न्याय मांग रही हैं। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-90 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।