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मैं कैसे जी रहा हु, मैं अपने आप जानता हु! पिगल गय

मैं कैसे जी रहा हु,
मैं अपने आप जानता हु!

पिगल गये है वो लम्हे सारे,
बुरे वक्त का साथी हो गया हु...

बहार से तो कोहिनूर दिखराह हु,
लेकीन अंदर से कोयला हो चुका हु!

इन लम्हो का क्या है,
आते रहेंगे,जाते रहेंगे,

मैं तो अपनी खुद कि जिंदगी जी रहा हु;
अगर इनको भी मेरी ही तगदिर लिखना है,
तो उसके लिये भी मैं तयार हु!

               -✍️🏼RJ Amol #तकदिर#life Jaspal Singh   कवि जय पटेल दीवाना Kajal_meshram Hiddenfeelings अश्लेष माडे (प्रीत कवी )
मैं कैसे जी रहा हु,
मैं अपने आप जानता हु!

पिगल गये है वो लम्हे सारे,
बुरे वक्त का साथी हो गया हु...

बहार से तो कोहिनूर दिखराह हु,
लेकीन अंदर से कोयला हो चुका हु!

इन लम्हो का क्या है,
आते रहेंगे,जाते रहेंगे,

मैं तो अपनी खुद कि जिंदगी जी रहा हु;
अगर इनको भी मेरी ही तगदिर लिखना है,
तो उसके लिये भी मैं तयार हु!

               -✍️🏼RJ Amol #तकदिर#life Jaspal Singh   कवि जय पटेल दीवाना Kajal_meshram Hiddenfeelings अश्लेष माडे (प्रीत कवी )
amolwakse6785

Amol Wakse

New Creator

@Jaspal Singh @ कवि जय पटेल दीवाना Kajal_meshram @Hiddenfeelings अश्लेष माडे (प्रीत कवी )">#तकदिर#Life Jaspal Singh कवि जय पटेल दीवाना Kajal_meshram Hiddenfeelings अश्लेष माडे (प्रीत कवी ) #story