Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन की स्थिति कबहुँ मन रंग तुरंग चढ़े, कबहुँ मन सोच

मन की स्थिति 
कबहुँ मन रंग तुरंग चढ़े, कबहुँ मन सोचत है धन को, 
    
यदि यही मन एकाग्र होकर किसी एक लक्ष्य की ओर या परमात्म चिंतन की ओर आकर्षित होता है तो निश्चय ही सांसारिक सफलता या परमात्म प्राप्ति कर सदगति पाता है !
मन की स्थिति 
कबहुँ मन रंग तुरंग चढ़े, कबहुँ मन सोचत है धन को, 
    
यदि यही मन एकाग्र होकर किसी एक लक्ष्य की ओर या परमात्म चिंतन की ओर आकर्षित होता है तो निश्चय ही सांसारिक सफलता या परमात्म प्राप्ति कर सदगति पाता है !