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निकल गए जब आप ही मेरी नज़रों से इतनी दूर लोग सोचने

निकल गए जब आप ही मेरी नज़रों से इतनी दूर लोग सोचने लगे किस आग में हम जल रहे हैं

मिले न हमें जवाब जब अपने ही सवालों के नाकाम ए दिल कैसे कहे ख्वाब में हम जल रहे हैं

आप शराफत का पर्दा लगाए शक्ल ही बदल रहे हैं जमीर ज़िंदा है मगर सवालों में हम जल रहे हैं

जाने किस मोड़ पे तेरे दर का पता भूल गए हमारा क्या गर्दिश ए हालात के साए में हम चल रहे हैं

दिल के भूले अफसाने हमें याद आने लगे हैं कूचा ए दिल तोड़ कर दस्त ए एहसास में हम जल रहे हैं

🐶मेरी इक नई स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात🐶

©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात

#Doctors
निकल गए जब आप ही मेरी नज़रों से इतनी दूर लोग सोचने लगे किस आग में हम जल रहे हैं

मिले न हमें जवाब जब अपने ही सवालों के नाकाम ए दिल कैसे कहे ख्वाब में हम जल रहे हैं

आप शराफत का पर्दा लगाए शक्ल ही बदल रहे हैं जमीर ज़िंदा है मगर सवालों में हम जल रहे हैं

जाने किस मोड़ पे तेरे दर का पता भूल गए हमारा क्या गर्दिश ए हालात के साए में हम चल रहे हैं

दिल के भूले अफसाने हमें याद आने लगे हैं कूचा ए दिल तोड़ कर दस्त ए एहसास में हम जल रहे हैं

🐶मेरी इक नई स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात🐶

©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात

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