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धीरे धीरे प्रेम बढ़ता है मधुर धार फूटती है गुलाबजल

 धीरे धीरे प्रेम बढ़ता है
मधुर धार फूटती है गुलाबजल की
खुशबू से आंगन महक उठता है
दिल की बात दिल से निकलती है
जब बगियाँ में प्रेम पंछी चहक उठते है।

©Ravi Kant
  #प्रेम_पंछी