Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन की गांठ खोल कर रहम कर खुद पर जाने दे उस सोच को

मन की गांठ खोल कर
रहम कर खुद पर
जाने दे उस सोच को
जो दर्द दे शरीर को

ख्वाब ही तो था
अकेला भी तो नहीं था
एक जो पूरा नहीं हुआ
दूसरे ने हाथ थाम लिया

तिसरा दिमाग में बैठा है
समय का जवाब है
जो पेट मेरा भर दे
वो दौलत यही तो दे

और भी है कमाने के लिए
अलग हालत सुलझाने के लिए
अगर यहीं रुक जाए हम
ना बचेगा श्रम ना रुकेगा ये भ्रम शुभरात्रि लेखकों।😊 

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 

हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳
मन की गांठ खोल कर
रहम कर खुद पर
जाने दे उस सोच को
जो दर्द दे शरीर को

ख्वाब ही तो था
अकेला भी तो नहीं था
एक जो पूरा नहीं हुआ
दूसरे ने हाथ थाम लिया

तिसरा दिमाग में बैठा है
समय का जवाब है
जो पेट मेरा भर दे
वो दौलत यही तो दे

और भी है कमाने के लिए
अलग हालत सुलझाने के लिए
अगर यहीं रुक जाए हम
ना बचेगा श्रम ना रुकेगा ये भ्रम शुभरात्रि लेखकों।😊 

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 

हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳