चलते-चलते इन कदमों से अब फिर न यहां आना होगा, हार सभी कुछ अंदर तक अब फिर हमको जाना होगा। इस दफा पुरानी राहें भी शिकवा अपना बतलायेगीं, थोड़ी गीली आंखें लेकर फिर गालों तक बह जाना होगा ।। एक अयान जब तक संग था मनमौजी मस्त फकीर रहे , कुछ टूटा बाद जरा सा था और मिटती हुई लकीर हुये । यादों के मकां गिरा खुद ही अब दूर कहीं चल जाना होगा, समझ भरे अपने ही अंदर बेवकूफ कहलाना होगा ।। इस दफा भी फिर से जाना होगा ! @"निर्मेय" ©purab nirmey #जानाहोगा #Travel