स्याह रात से प्रातः तक का सफ़र या शाम का धीमे-धीमे रात की आगोश में पिघलना बारिश के मौसम में टहनियों पर पत्तियाॅं या फिर ज़मीन पर लम्बे-लम्बे घासों का उग आना किसी बच्चे के तुतलाती बोली से लेकर उसके मुंह से पहली बार माॅं सुनना प्रकृति ने अमूमन सारी चीज़ों के होने की गति धीमी रखी सिवाय तुम्हारे यादों का आना तुम्हारी याद आती है जैसे दाॅंतों के बीच एकाएक आ जाती है जीभ ! #qasidquotes #yqbaba #yqdidi #hindiquotes #kavita #bestyqhindiquotes