ये कौन सी उजाले की किरण है जो रास्ते मे बढ़ने पर बढ़ती है धीरे चलने रुकने से थमती है। न चाहता हूँ खोना उस किरण को तभी बढ़ता ही जाता हूँ उस राह पर जब होता उजाला सुबह का न दिखती वो किरण और राह।।। #रातकाअफ़साना #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #130thquote #mait