|| वाद - विवाद || दो - चार कहानी किस्से क्या लिखे, खुद को कवि समझ लिए? बल्ब ने दो दिन रौशनी क्या दी, तुम उसे रवि समझ लिए? " दो - दो रस्सी जोड़ के पुल बन गया, थोड़ा- थोड़ा ही जोड़ के तो कुल बन गया " थोड़ा-थोड़ा ही जोड़ो, मग़र सही तो जोड़ो, जहां राह में मोड़ दिखे वहाँ ख़ुद को भी मोड़ो " मुड़ क्यों जाएं हम रास्ता बना लेंगे, कितनी बार भी गिरें, हर बार ख़ुद को उठा लेंगे " मुड़ेगा जब तू तो लगेगा दम ख़म, पैसा होगा उस वक़्त तेरे पास बहुत कम " पैसे की चिंता तू क्यों खाक करता है, यहाँ सब चले जाते, बस राख रहता है " राख भी हो तो पानी मे मिल बर्तन चमका दूँगा, आज नही, पर कभी तो ख़ुद को कवि कहला दूँगा " तू कवि क्यों ख़ुद को कहलाता है, यहाँ तो सब बस मन बहलाता है " _silent_pen वाद - विवाद Ghazal #collab #corona #meme #shayri #sher #nazm #ghazal