है अंधेरों की हुकूमत तो उजालों से क्या मांगू, छलके आंखों से इश्क का पैमाना तो प्यालों से क्या मांगू! झकझोर कर रख देती है तन्हा रात तुम्हारे बगैर, तुम ही न आओ तो ख्यालों से क्या मांगू !!