ऐ जिंदगी मेरा इक काम कर दे, मै कुछ न कहूँ और तू बयाँ कर दे । दिया जला दे चौखटों पर, और महफिलों को वीरां कर दे । जख्म दे कुछ ऐसा कि नासूर बन जाये, हो सके तो मेरे लहजें को खाक कर दे । बाकी है क्या कुछ ऐसा यहाँ, ऐ जिंदगी तू आज इसकी भी दवा कर दे ।। ©Anupam Singh #अंजूबाला