रुला जाते हैं जीवन के कुछ पल जिनको हम भुलाना चाहते हैं बरबस ही याद आते हैं वो और दिल को ठेस पहुँचाते हैं जितनी भी कोशिश क्यूँ ना कर लें नज़रअंदाज़ करने की उनको किसी ना किसी रूप में वो हमारे सामने आकर खड़े हो ही जाते हैं ये शायद सम्मलित होता है मानव स्वभाव में ही अच्छे दिन हम जाते हैं भूल बुरे पल सदा के लिए यादों में रह जाते हैं 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 236 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।