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नहीं फुर्सत कब तकरार करूं। औरों में न कभी पड़ता हूँ

नहीं फुर्सत कब तकरार करूं।
औरों में न कभी पड़ता हूँ,
मैं खुद ही खुद से लड़ता हूँ।
जीवन है स्वयं विरोध बड़ा,
हर मोड़ पर बन अवरोध खड़ा।
चलते जाना अनुमान किया,
जय पाने को जिद ठान लिया।
पथ के कांटे खुद कढ़ता हूँ।
मैं खुद ही खुद से लड़ता हूँ।
पतवार चलाते रहना है,
विपरीत धार को सहना है।
अनवरत बस चलते जाना है,
जीवन का यही पैमाना है।
कभी न रुकता बस बढ़ता हूँ,
मैं खुद ही खुद से लड़ता हूँ।

©Satish
  #boat  swati Swati Shrma Miss khan Arp__(अर्प) Sethi Ji